ग्वालियर के योग थेरिपिस्ट की चाइना के बीजिंग में मौत Gwalior Madhya Pradesh

गोल्ड मेडेलिस्ट योग गुरु की बीजिंग में संदिग्ध मौत, बेहाल माता-पिता को डेढ़ माह करना होगा शव का इंतजार


ग्वालियर के योग थेरिपिस्ट की चाइना के बीजिंग में मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हालांकि परिजनों ने उसकी चीनी पार्टनर हत्या का आरोप लगाया है। जानकारी के मुताबिक थेरेपिस्ट आठ महीने पहले ही नौकरी के सिलसिले में चीन की राजधानी बीजिंग गया था.

योग गुरु प्रबल का शव चीन में फंदे से लटका मिला था।
ग्वालियर के योग थेरिपिस्ट की चाइना के बीजिंग में मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हालांकि परिजनों ने उसकी चीनी पार्टनर हत्या का आरोप लगाया है। जानकारी के मुताबिक थेरेपिस्ट आठ महीने पहले ही नौकरी के सिलसिले में चीन की राजधानी बीजिंग गया था। अब परिजन शव पाने के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क कर रहे हैं। हालांकि, दूतावास की ओर से बताया गया है कि शव को भारत लाने में करीब डेढ़ महीने लगेंगे। यानी बेटे की मौत से गमजदा माता-पिता को अब शव के लिए डेढ़ महीना इंतजार करना होगा।

दरअसल, माधौगंज थाना इलाके के रॉक्सी पुल निवासी सुरेंद्र कुशवाह टैक्सी चालक हैं। उनका इकलौता बेटा प्रबल कुशवाह पेशे से योग थेरिपिस्ट है। इसी साल फरवरी में प्रबल को चीन के बीजिंग से योग सेंटर में नौकरी के लिए ऑफर मिला था। कुछ जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद प्रबल नौकरी के लिए चीन चला गया था।

बुधवार को ही वीडियोकॉल से की थी बात

बुधवार को ही प्रबल ने ग्वालियर में बैठे परिवार से वीडियोकॉल पर बात की थी। लेकिन फिर उसका फोन बंद आने लगा। नहीं उठाया कॉल मामला संदिग्ध लगने पर परिजनों ने प्रबल को चीन में नौकरी दिलवाने वाली सू-चाइन और मिस रोजी से संपर्क किया, तब उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। संपर्क हुआ तब पता चला सुसाइड का मामला बीते शनिवार को जब संपर्क हुआ, तो बताया गया कि प्रबल ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। सूचना के बाद से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अब मृतक के परिजन भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

शहर के एक योग थेरेपिस्ट की चाइना के बीजिंग में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह बेंगलुरु से आठ महीने पहले नौकरी के लिए बीजिंग गया था। बीते बुधवार को उसने परिवार से वीडियोकॉल पर बात की थी, जिसके बाद उसका फोन बंद आने लगा। परिजनों ने जब उसके वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया तो युवक द्वारा सुसाइड करना बताया। तब से लेकर अभी तक परिजन शव पाने के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क कर रहे हैं। हालांकि दूतावास द्वारा शव डेढ़ महीने के भीतर भारत आना बताया गया है।परिजनों का आरोप है कि उसके वरिष्ठ अधिकारियों ने जहर देकर उसे फांसी पर लटकाया है। माधौगंज थाना क्षेत्र के रॉक्सी पुल निवासी सुरेन्द्र कुशवाह टैक्सी चालक है उनका इकलौता बेटा प्रबल कुशवाह पेशे से योग थेरिपिस्ट है। फरवरी माह में प्रबल को चाइना के बीजिंग से योग सेंटर में नौकरी के लिए ऑफर मिला था, इस ऑफर को अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट मानकर प्रबल चाइना नौकरी के लिए चला गया।सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, इसी बीच कुछ दिनों से उसका फोन बंद आने लगा। परिजनों को शंका हुई तो उन्होंने चाइना बुलाने वाली सू- चाइन व मिस रोजी से संपर्क किया, तब इन लोगों ने परिजनों का फोन पिक नहीं किया। बीती शनिवार को जब संपर्क हुआ, तो उन्होंने बताया गया कि प्रबल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस सूचना के बाद से पूरा परिवार सदमे में है, इसके साथ ही उसके परिजन भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगा रहे हैं। इकलौते बेटे की विदेश में गई जान पर उसके पिता सुरेन्द्र कुशवाह ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पीएमओ से प्रबल के शव को जल्द से जल्द इंडिया लाने की गुजारिश की है। इसके साथ ही परिजन भारतीय दूतावास से प्रबल की मौत पर चाइना सरकार से निष्पक्ष जांच कराए जाने की विनती कर रहे हैं परिजनों का आरोप, प्रबल की हुई है हत्या प्रबल के परिजनों ने बताया कि उनकी आखिरी बार बात बीती 20 दिसम्बर को वीडियोकॉल के जरिए हुई थी, जिसके बाद दो दिन उसका फोन बंद गया तो परिजनों को शंका हुई। जिसके बाद उसके ऑनर सू- चाइन से संपर्क किया तो उन्होंने सीधा प्रबल द्वारा सुसाइड करना बताया है। दूतावास से आया मैसेज, 45 दिन में आएगा शव युवक की मौत के बाद भारतीय दूतावास और मृतक के परिजनों के बीच संपर्क हुआ है, जिसमें दूतावास ने प्रबल का शव इंडिया आने के लिए 40 से 45 दिन का समय लगना बताया है। वहीं मौत के मामले में दूतावास द्वारा प्रबल का फांसी पर लटका पाया जाना बताया गया है, जबकि परिजनों का इस घटना पर संशय बरकरार है। परिवार में इकलौता बेटा था, वो भी नहीं बचा इस मामले की जानकारी लगने पर जब मृतक के परिजनों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि प्रबल बचपन से ही पढ़ने में होशियार था वह अपनी दो बहनों के बीच इकलौता भाई था। उसकी मौत की खबर के बाद से परिजन बेसुध हैं, जिन्हें उसका शव आने के इंतजार में पल-पल भारी कट रहा है।



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