कांग्रेस ने क्यों कहा, भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 सीटें भी जीत सकती है

 कांग्रेस ने क्यों कहा, भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 सीटें भी जीत सकती है

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी के करीबी नेता सैम पित्रोदा ने एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों यानी ईवीएम पर सवाल उठाए हैं।

सैम पित्रोदा ने कहा कि अभी भारत में इस्तेमाल की जा रही ईवीएम मशीन कोई "स्टैंड अलोन मशीन" नहीं है

आगामी लोकसभा चुनाव में अभी करीब 4 महीने का वक्त बाकी है और इसे लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। राहुल गांधी सभी राज्यों से नेताओं से फीडबैक ले रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा पिछले कई महीनों से जमीनी कार्यकर्ताओं से स्थानीय नेताओं को लेकर जनता की राय क्या है इसे लेकर डेटा इकठ्ठा कर रही है। इसी बीच कांग्रेस के नेताओं ने अभी से ईवीएम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने गुरुवार को कहा कि यदि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की गड़बड़ियों को दूर नहीं किया गया तो भाजपा 400 से ज्यादा सीटें जीत सकती है। उन्होंने कहा कि यह इलेक्शन भारत का भाग्य तय करने वाला है। हालांकि चुनाव आयोग लगातार इन आरोपों को खारिज करता रहा है। फिर भी समय समय पर और खासकर बीजेपी की जीत के बाद विपक्ष के कुछ नेता ईवीएम पर सवाल उठाते रहते हैं

क्या कहा सैम पित्रोदा ने

सैम पित्रोदा ने कहा कि अभी भारत में इस्तेमाल की जा रही ईवीएम मशीन कोई "स्टैंड अलोन मशीन" नहीं है। सैम का कहना है कि इसमें समस्या तब पैदा हुई, जब वीवीपैट मशीन को ईवीएम से जोड़ा गया। उन्होंने कहा, ''वीवीपीएटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मिलकर बना एक अलग उपकरण है।'' उन्होंने कहा कि वीवीपैट को ईवीएम से जोड़ने के लिए एक विशेष कनेक्टर का उपयोग किया जाता है, जिसे एसएलयू कहा जाता है।

पित्रोदा ने कहा, "यह एसएलयू कई सवाल खड़े करता है। एसएलयू कनेक्टर ही वीवीपैट में दिखाता है कि किस बटन से वोट किस पार्टी को जाएगा। इसे मतदान से पहले प्रोग्राम किया जाता है।" कांग्रेस नेता ने कहा कि एसएलयू जोड़ने के बाद ईवीएम अब अकेली मशीन नहीं रह गई है।

पित्रोदा ने आगे कहा, "इसमें वो सभी तरह के काम किए जा सकते हैं, जिनकी बात की जा रही है। इसलिए हम चाहते हैं कि वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची वर्तमान में थर्मल प्रिंटर के माध्यम से जारी की जाती है और इसे केवल कुछ हफ्तों तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है, इसके बजाय एक प्रिंटर का उपयोग किया जाना चाहिए, जो अगले पांच वर्षों तक पर्ची को सुरक्षित रखेगा।"

राम मंदिर पर सैम ने क्या बोला


राम मंदिर पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा का कहना है, ''मैं इसे लेकर चिंतित हूं क्योंकि धर्म को बहुत ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। मैं देख रहा हूं कि लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। जब 10 साल तक किसी देश का प्रधानमंत्री एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करें। यह मुझे परेशान करता है। जब प्रधानमंत्री को किसी राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम अपने नाम पर रखने में कोई समस्या नहीं है। जबकि वह जीवित हैं, यह मुझे परेशान करता है। इसलिए मुझे ऐसे संकेत मिल रहे हैं। जब एक राष्ट्र राम मंदिर में शामिल होता है। यह मुझे परेशान करता है। मेरे लिए, धर्म एक व्यक्तिगत चीज है। इसे राष्ट्रीय एजेंडे के साथ भ्रमित न करें। राष्ट्रीय एजेंडे को शिक्षा, रोजगार, विकास, अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मुद्रास्फीति, स्वास्थ्य, पर्यावरण और प्रदूषण। इस तरह आप एक आधुनिक राष्ट्र का निर्माण नहीं करते हैं। मुझे परवाह नहीं है कि आप किस धर्म का पालन करते हैं। मुझे आपका सम्मान करना है कि आप कौन हैं। न कि यह कि आप किस धर्म का पालन करते हैं। मैं यह तय नहीं करूंगा कि आप क्या खाते हैं, या आप किसके लिए प्रार्थना करते हैं, यह आपकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। और जब पूरा देश राम मंदिर और राम जन्मभूमि पर लटका हुआ है। यह वास्तव में मुझे परेशान करता है और मुझे परेशान करता है। धर्म एक बहुत ही व्यक्तिगत चीज़ है। इसका राष्ट्रीयकरण मत करो। इसका प्रयोग राजनीतिक लाभ के लिए न करें। एक प्रधानमंत्री हर समय मंदिरों में समय बिता रहे हैं। इससे मुझे परेशानी होती है। मैं चाहूंगा कि वह स्कूलों, पुस्तकालयों और वैज्ञानिक संस्थानों में जाए और बहुत सारे मंदिरों में न जाए

Top Post Ad

Below Post Ad

 


top news

4/sgrid/recent

Recent News